Sunday 6 November 2016

गुर्दे की पथरी



गुर्दे की पथरी के लिए 10 प्रमुख औषधि

गुर्दे की पथरी का दर्द असनीय होता है, इसके मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है, लेकिन औषधियों के प्रयोग से इससे निजात मिलती है।
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गुर्दे की पथरी
किडनी स्‍टोन गलत खानपान का नतीजा है, इसके मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। गुर्दे की पथरी होने पर असहनीय दर्द होता है। जब नमक एवं अन्य खनिज (जो मूत्र में मौजूद होते हैं) एक दूसरे के संपर्क में आते हैं तब पथरी बनती है। कुछ पथरी रेत के दानों की तरह बहुत छोटे आकार के होते हैं तो कुछ मटर के दाने की तरह। आमतौर पर पथरी मूत्र के जरिये शरीर के बाहर निकल जाती है, लेकिन जो पथरी बड़ी होती है वह बहुत ही परेशान करती है। आगे के स्‍लाइडशो में जानिए पथरी के उपचार के लिए 10 प्रमुख हर्ब्‍स के बारे में।





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आंवला
किड्नी स्‍टोन होने पर आंवले का सेवन करना चाहिए। आंवला का चूर्ण मूली के साथ खाने से गुर्दे की पथरी निकल जाती है। इसमें अलबूमीन और सोडियम क्लोराइड बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है जिनकी वजह से इन्हें गुर्दे की पथरी के उपचार के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है। इसलिए गुर्दे की पथरी होने पर आंवले का सेवन कीजिए।




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तुलसी की पत्‍ती
गुर्दे की पथरी होने पर तुलसी के पत्‍तों का सेवन कीजिए। तुलसी के पत्तों में विटामिन बी पाया जाता है जो पथरी से निजात दिलाने में मदद करता है। यदि विटामिन बी-6 को विटामिन बी ग्रुप के अन्य विटामिंस के साथ सेवन किया जाये तो गुर्दे की पथरी के इलाज में बहुत सहायता मिलती है। शोधकर्ताओं की मानें तो विटामिन बी की 100-150 मिग्रा की नियमित खुराक लेने से गुर्दे की पथरी से निजात मिलती है।




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बथुआ
बथुआ भी किड़नी स्‍टोन से निजात दिलाता है। आधा किलो बथुआ लेकर इसे 800 मिलि पानी में उबालें। अब इसे कपड़े या चाय की छलनी में छान लीजिए। बथुआ की सब्जी भी इसमें अच्छी तरह मसलकर मिला लीजिए। आधा चम्‍मच काली मिर्च और थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर दिन में 3 से 4 बार पीयें। इससे गुर्दे की पथरी निकल जाती है।




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इलायची
इलायची भी गुर्दे की पथरी से निजात दिलाती है। एक चम्‍मच इलायची, खरबूजे के बीज की गिरी, और दो चम्‍मच मिश्री एक कप पानी में डालकर उबाल लीजिए, इसे ठंडा होने के बाद छानकर सुबह-शाम पीने से पथरी पेशाब के रास्‍ते से बाहर निकल जाती है।


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जीरा
किड्नी स्‍टोन को बाहर निकालने में जीरा बहुत कारगर है। जीरा और चीनी को समान मात्रा में लेकर पीस लीजिए, इस चूर्ण को एक-एक चम्‍मच ठंडे पानी के साथ रोज दिन में तीन बार लीजिए। इससे बहुत जल्‍दी ही गुर्दे की पथरी से निजात मिल जाती है।


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सौंफ
सौंफ भी गुर्दे की पथरी के लिए रामबाण उपचार है। सौंफ, मिश्री, सूखा धनिया इनको 50-50 ग्राम मात्रा में लेकर रात को डेढ़ लीटर पानी में भिगोकर रख दीजिए, इसे 24 घंटे के बाद छानकर पेस्‍ट बना लीजिए। इसके एक चम्‍मच पेस्‍ट में आधा कप ठंडा पानी मिलाकर पीने से पथरी पेशाब के रास्‍ते बाहर निकल जाती है।


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चौलाई
गुर्द की पथरी को गलाने के लिए चौलाई का प्रयोग कीजिए। इसके अलावा चौलाई की सब्‍जी भी गुर्दे की पथरी से निजात दिलाती है, यह पथरी को गलाने के लिये रामबाण की तरह है। चौलाई को उबालकर धीरे-धीरे चबाकर खाएं। इसे दिन में 3 से 4 बार इसका प्रयोग कीजिए।


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बेल पत्र
बेल पत्र को पर जरा सा पानी मिलाकर घिस लें, इसमें एक साबुत काली मिर्च डालकर सुबह खायें। दूसरे दिन काली मिर्च दो कर दें और तीसरे दिन तीन,  ऐसे सात दिनों तक लगातार इसका सेवन कीजिए। बाद में इसकी संख्‍या कम कीजिए, दो सप्ताह तक प्रयोग करने के बाद पथरी बाहर निकल जायेगी।


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काली मिर्च
काली मिर्च भी गुर्दे की पथरी से निजात दिलाती है, काली मिर्च का सेवन बेल पत्‍तर के साथ करने से दो सप्‍ताह में गुर्दे की पथरी पेशाब के रास्‍ते बाहर निलक जाती है।

डार्क सर्कल


स्वास्थ्य


डार्क सर्कल की समस्या से बचने के लिए घरेलू नुस्खों का कोई जवाब नहीं है। इसकी मदद से बिना किसी दुष्प्रभाव के आप डार्क सर्कल से छुटकारा पा सकते हैं।
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डार्क सर्कल से कैसे बचें
आंखों के नीचे पड़ने वाले डार्क सर्कल आपकी खूबसूरती बिगाड़ सकते हैं। यह समस्या कई वजहों जैसे शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना, नींद न आना, मानसिक तनाव या फिर बहुत ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर काम करने के कारण भी हो सकती है। इन डार्क सर्कल की वजह से आपकी सुंदरता तो कम होती ही है साथ ही व्यक्ति थका हुआ और उम्रदराज भी नजर आता है। आइए जानें डार्क सर्कल को दूर करने के घरेलू नुस्खों के बारे में।


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टमाटर
टमाटर के रस में, नींबू का रस,चुटकीभर बेसन और हल्‍दी मिला लें। इस पेस्‍ट को अपनी आंखों के चारों ओर लगाएं और 20 मिनट के बाद चेहरे को धो लें। ऐसा हफ्ते में 3 बार जरुर करें। इससे डार्क सर्कल धीरे-धीरे कम होने लगेगा।


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आलू
यह बहुत ही असरकारी नुस्खा है। रात में सोने से पहले चेहरा को अच्छे से साफ करें। इसके बाद आलू की पतली स्लाइस काटकर उन्हें आंखों पर 20 से 25 मिनट रखें। इसके बाद चेहरा को अच्छे से साफ कर लें।


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गुलाब जल
गुलाब जल की मदद से डार्क सर्कल की समस्या से निजात पा सकते हैं। बंद आंखों पर गुलाब जल में भिगोई हुई रूई को आंखों पर रखें। ऐसा केवल 10 मिनट तक करें। ऐसा करने से आंखों के आस पास की त्‍वचा चमक उठेगी।


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बादाम का तेल
काले घेरे से छुटकारा पाने के लिए बादाम के तेल बहुत फायदेमंद है। बादाम के तेल को आंखों के आस-पास लगाकर कुछ मिनटों के लिए छोड़ दें। फिर उंगलियों से 10 मिनट तक हल्की मालिश करें। इसके बाद चेहरा साफ कर लें।


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चाय का पानी
चायपत्ती को पानी के साथ उबाल लें और फिर ठंडा होने के लिए रख दें। इसके बाद रुई के फाहे को उसमें भिगोकर आंखों के नीचे और आस-पास लगाएं। थोड़ी देर बाद पानी से चेहरा साफ कर लें। नियमित रूप से ऐसा करने से चेहरे के काले घेरे तेजी से कम हो जाएंगे।


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टी बैग
डार्क सर्कल्स को दूर करने के लिए प्रयोग किए गए ठंडे टी-बैग्स का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। टी-बैग्स में मौजूद तत्व टैनिन आंखों के आसपास की सूजन और  काली त्वचा को पहले जैसे करता है और आपको डार्क सर्कल से निजात मिलता है।


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शहद और बादाम का तेल
बादाम के तेल और शहद को अच्छी तरह मिलाकर सोने के पहले आंखों के आसपास लगाएं और सारी रात लगा रहने दें। सुबह उठकर सामान्य पानी से चेहरा धो लें। हर रोज इस नुस्खे को आजमाने से कुछ ही दिनों में डार्क सर्कल दूर हो जाएगा।


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पुदीना पत्‍ता
पुदीने की पत्‍तियों को पीस लें और आंखों के आस पास लगा लें। इसे कुछ देर तक इस पेस्ट को ऐसे ही छोड़ दें और फिर आंखों को पानी से धो लें। इससे आपको डार्क सर्कल से निजात पाने में काफी सहायता मिलेगी।


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संतरे का रस और ग्‍िलसरीन
संतरे का रस विटामिन सी से भरपूर होता है जो कि त्वचा के लिए फायदेमंद माना जाता है। संतरे के रस में ग्लिसरीन की कुछ बूंदे मिलाएं और इस पेस्ट को हर रोज आंखों और आस पास के एरिया पर लगाएं। यह डार्क सर्कल से निजात दिलाने का प्रभावशाली तरीका है।


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जैतून तेल
जैतून का तेल सौंदर्य से जुड़ी कई समस्याओं में काफी फायदेमंद है। इससे आंखों के आसपास हल्के हाथों से मालिश करें, इससे रक्त संचार ठीक रहता है और आंखों की थकान कम होती है जिससे डार्क सर्कल की समस्या दूर होती है।

त्‍वचा की देखभाल


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स्वाभाविक रूप से दमकती त्वचा पाने के कुछ तरीके

दही में काली मिर्च पाउडर का मिश्रण करे ब्‍लैक हैड्स का इलाज।
बालों के लिए दही बहुत अच्‍छा कंडीशनर साबित होता है।
टमाटर और दूध मिलाकर लगाने से क्‍लींजर का काम करता है।
कुदरती उपायों के साइड इफेक्‍ट न के बराबर होते हैं।

खूबसूरत दिखना सबकी चाहत होती है। और बाजार हमारी इस चाहत को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता। ऐसे कई उत्‍पाद हैं जो आपको कम समय में अधिक खूबसूरती देने का दावा करते हैं। स्‍पा ट्रीटमेंट से लेकर कास्‍मेटिक तक कई विकल्‍प मौजूद हैं, जो आपका रूप निखाने का दावा करते हैं।

लेकिन, अकसर महंगे सौंदर्य उत्‍पादों में छुपे नुकसानों के बारे में हम विचार नहीं करते। त्‍वचा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि बाजार में मिलने वाले अधिकतर कॉस्‍मेटिक्‍स में खतरनाक उत्‍पाद होते हैं। इनके नियमित इस्‍तेमाल से आपको त्‍वचा संबंधी कई परेशानियां हो सकती हैं।





पुराने जमाने की महिलायें अपना रूप निखारने के लिए कुदरती तरीकों पर अधिक निर्भर रहा करती थीं। वे सिन्थेटिकयुक्‍त आई-लाइनर ,नेल पॉलिश ,लिपस्टिक, मस्कारे का प्रयोग नहीं किया करती थीं, लेकिन फिर भी उनका रूप निखरा-निखरा नजर आता था। वे प्राकृतिक उत्‍पादों का प्रयोग किया करतीं थीं। आज के दौर में हम उन सब चीजों को भूल गये लगते हैं। हमें ये सब चीजें पिछड़े जमाने की लगती हैं। हमें लगता है कि इन चीजों का इस्‍तेमाल करना झंझट भरा है। लेकिन, वास्‍तव में इन चीजों का नुकसान नहीं होता और ये हमारा रूप निखारने में मदद करती हैं।



अण्डे से निखारें चेहरा
तैलीय त्वचा वालों के लिए अण्डे का सफेद भाग चेहरे पर लगाना अच्छा होता है। और जिन लोगों की त्‍वचा शुष्क है उन्‍हें अपने चेहरे पर अंडे की जर्दी लगानी चाहिये। अण्डे के सफेद और पीले भाग हमारी त्वचा के रोमछिद्र को सीमित करते हैं और झुर्रियों से बचाव करते हैं। इससे आपकी त्‍वचा निखरी रहती है और साथ ही एजिंग की समस्‍या भी हमसे दूर रहती है।



क्रीमी मसाज
चेहरे पर निखार लाने के लिए 2 से 3 छोटे चम्मच से चेहरे पर क्रीम लगायें। अपने चेहरे पर अपवर्ड सर्कुलर मूवमेंट में मसाज करें। इससे ना केवल आपकी त्वचा में निखार आयेगा बल्कि आपकी त्वचा की मृत कोशिकायें भी समाप्‍त हो जाएंगी।



जूस से निखरे रूप
झुर्रियां आपके चेहरे की रंगत चुरा सकती हैं। ओर इनका असर आपको समय से पहले ही बूढ़ा दिखा सकता है। इससे बचने के लिए सेब का रस ,नीबू का रस और अनानास का रस कारगर घरेलू उपाय माने जाते हैं। त्‍वचा को झुर्रियों रहित और बेदाग बनाने के लिए इन सब रसों को समान मात्रा में मिलाकर चेहरे पर लगायें। 10-15 मिनट बाद ताजा पानी से चेहरा धो लें। फलों मे मौजूद एस्ट्रिन्जेंट और ब्‍लीचिंग के गुण आपका चेहरा निखार देंगे।





ब्लैक हैड्स निकालना
ब्लैकहैड्स सभी को होता है। यह हर उम्र में हो सकता है। महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी इससे अछूते नहीं हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है कि इस समस्‍या को दूर नहीं किया जा सकता। ब्‍लैकहेड्स निकालने के लिए एक बड़े चम्‍मच दही में एक चम्‍मच काली मिर्च पाउडर मिलाकर चेहरे पर लगायें। इसे सर्कुलर मोशन में चेहरे पर मसाज करें। 10-15 तक चेहरे पर लगा रहने देने के बाद चेहरा धो लें। ब्‍लैक हैड्स निकल जाएंगे और आपको मिलेगा निखरा-निखरा चेहरा।



गुलाबी चमक
यह एक जादुई तकनीक है जिसे आपको कोई भी त्वचा विशेषज्ञ नहीं बताएगा ा एक ऊंचे टेबल को अपने बेड के किनारे लगाएं और अपने पैरों को टेबल के ऊपर रखें ा यह सुनने मंे थोड़ा बकवास लग रहा है लेकिन ऐसा करने से शरीर मंे मौजूद टाक्सिन शरीर से निकल जाते हैं और चेहरे में चमक आ जाती है ा



आप जैसा खाते हैं वैसे दिखते है
हमारे आहार का हमारे रूप पर गहरा असर पड़ता है। एक स्‍वस्‍थ डायट न केवल हमारी सेहत का खयाल रखती है, बल्कि साथ ही साथ रूप सौंदर्य निखारने में भी आहार की अहम भूमिका होती है। फाइबर युक्त फल, हरी सब्ज़ियां और एण्टीआक्सिडेंट्स हमारी त्‍वचा के लिए बहुत जरूरी होते हैं। याद रखिये यदि हमारा आहार सही न हो तो किसी भी प्रकार का कॉस्‍मेटिक रूप को निखरा नहीं रख सकता।





बालों में कन्डीशनर
ककड़ी, केले ,टमाटर और दही का पेस्ट बनाएं और बालों को धोने के बाद इस मिश्रण को बालों में लगायें। यह प्राकृतिक रूप से कन्डीशनर का काम करेगा और आपके बाल रेशमी और स्वस्थ दिखेंगे।





प्राकृतिक त्वचा क्लीनजर
एक टमाटर का रस दो बड़े चम्मच दूध में मिला लें। इस मिश्रण को चेहरे पर लगाने के बाद 10 से 15 मिनट तक छोड़ दें और फिर पानी से धो लें। यह क्लीनज़र ना सिर्फ त्

हड्डियों में जान डालता है विटामिन ‘के-2’


कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है।
हड्डियों के लिए विटामिन ‘के2’ अहम होता है।
ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा कम रहता है।
हड्डियों में मिनरल भरने की भूमिका निभाता है।

हड्डियों में कमजोरी आने पर हममें से ज्‍यादातर लोग अपने आहार में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ा देते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि हड्डियों के स्‍वास्‍थ्‍य और अस्थि घनत्‍व को बढ़ावा देने के लिए कैल्शियम सबसे अच्‍छा तरीका नहीं है। शायद यह बात सुनकर आपको थोड़ा अजीब लग रहा होगा। लेकिन यह सही है, वास्‍तव में, हड्डियों के स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में विटामिन K2 बहुत मददगार होता है।



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यूं तो शरीर में कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है लेकिन आंतों में कैल्शियम की परत न जमे, इसमें विटामिन ‘के2’ की अहम भूमिका होती है। विटामिन ‘के2’ विटामिन ई की तरह अच्छे एंटीऑक्सीडेंट का काम भी करता है, जो फ्री रेडिकल्स को लीवर को नुकसान पहुंचाने से रोकता है। विशेषज्ञों के अनुसार वयस्क महिला के लिए हर रोज कम से कम 90 एमजी और पुरुषों के लिए 120 एमजी विटामिन ‘के2’ की जरूरत होती है।


हड्डियों के लिए विटामिन 'के-2'
हाल में हुए एक शोध के अनुसार, जो पुरुष और महिलाएं विटामिन 'के-2' का अधिक सेवन करते हैं, उनमें विटामिन K2 का 65 प्रतिशत से कम सेवन करने वालों की तुलना में हिप फ्रैक्‍चर से पीड़ि‍त होने की संभावनाएं बहुत ज्‍यादा होती हैं। प्रोफेसर ऑफ बायोकेमिस्‍ट्री और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले के बच्चों के अस्पताल ऑकलैंड अनुसंधान संस्थान (chori) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर ब्रूस एम्‍स के नेतृत्‍व में विटामिन 'K2' पर यह नवीनतम अध्‍ययन किया गया था।  
हाल के शोध के अनुसार, विटामिन k2 आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ होने वाली निम्‍न समस्‍याओं को रोकने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।

ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों का क्षय
धमनियों का सख्त होना
कैंसर

विटामिन K2 की कमी शरीर को प्रभावित करती है क्‍योंकि यह मानव द्वारा कुछ प्रकार के प्रोटीनों को संश्लेषण करने के लिये जरूरी होता है। जब शरीर में विटामिन के-2 की कमी होती है तो शरीर को कुछ आवश्‍यक कार्यों से समझौता करना पड़ता है। विटामिन K2 की कमी से जरूरी कैल्शियम रिस कर धमनियों में पहुंच जाता है, जिससे अस्थि-क्षय का खतरा रहता है। इसलिए विटामिन के-2 अस्थि घनत्व में भी सहायक है। हड्डियों में कैल्शियम और दूसरे मिनरल को पहुंचा कर मजबूती प्रदान करता है। इसके सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा कम रहता है।


विटामिन 'के-2' का महत्‍व
वसा में घुलने वाला विटामिन ‘के-2’ तीन यौगिक पदार्थों यानी K1, K2 और K3 से मिलकर बनता है। हर पोषक पदार्थ की अपनी एक अलग भूमिका होती है। वैसे तो आम धारणा यह है कि विटामिन के-2 सिर्फ खून की जमावट और हड्डियों में मिनरल भरने की भूमिका निभाता है। लेकिन सच तो यह है कि विटामिन ‘के-2’ कैल्शियम, विटामिन तथा हड्डियों के अन्य मिनरल्स की मदद करता है। ‘के-2’ को औषधीय भाषा में मेनाक्विनोन के नाम से जाना जाता है और यह वसा में घुलता है।

शरीर में कैल्शियम के समान रूप से बांटने के लिए ‘के-2’ जिम्मेदार होता है। हड्डियों को काफी मात्रा में ओस्टियोकलसिन कैल्शियम की आवश्यकता होती है, वहीँ धमनियों में कैल्शियम की ज़्यादा मात्रा हो जाने पर रक्त संचार में बाधा उत्पन्न हो सकती है। विटामिन K2 इन चीज़ों का ध्यान रखता है तथा शरीर के उन हिस्सों से कैल्शियम हटाता है जहां पर उनकी आवश्यकता नहीं है।

‘के-2’ का एक और मुख्य कार्य ‘के-2’ पर निर्भर प्रोटीन को कार्यशील करना है। कोशिकाएं शरीर को बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं और ये कोशिकायें प्रोटीन से बनी होती हैं। अतः कार्यशील होने की प्रक्रिया से कोशिकाओं को मजबूती मिलती है। हाल में हुए एक शोध के अनुसार विटामिन ‘के-2’रूमेटॉइड आर्थराइटिस को ठीक करने में काफी मदद करता है।



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विटामिन 'के-2' के स्रोत
विटामिन ‘के-2’ एक माइक्रो नुट्रिएंट है, शरीर की विटामिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें इसकी काफी कम मात्रा की जरूरत होती है। ‘के-2’ मुख्य रूप से एनिमल प्रोडक्‍ट में पाया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जानवर विटामिन ‘के-1’ से ‘के-2’ निकाल सकते हैं। उनके मांस में काफी मात्रा में विटामिन ‘के-2’ पाया जाता है। चिकन, लैम्ब, हैम तथा बीफ में काफी मात्रा में ‘के-2’ होता है। अंडे के पीले भाग का सेवन करने से भी हमें इस विटामिन की अच्छी खुराक प्राप्त होती है।


विटामिन 'के-2' की कमी के कारण
जिन लोगों के शरीर में विटामिन ‘के-2’ की कमी होती है, वे विटामिन D की कमी

प्रोटीन का नियमित सेवन करें, मोटापे से बचें


शोध बताते हैं कि प्रोटीन के सेवन से मोटापा कम हो सकता है।
इसके लिए सही खुराक और उपयुक्त एक्सरसाइज ज़रूरी होती है।
बेहतर होगा कि आप अपने लिए प्रोटीन के प्राकृतिक श्रोत ही चुनें।
प्रोटीन के सेवन के साथ नियमित व्यायाम भी ज़रूरी होता है।

लोग पतले होने के लिए क्या क्या नुस्खे और तरीके नहीं आज़माते हैं। कोई खाना बंद कर मुश्किल डाइटिंग करता है तो कोई पूरा दिन जिम में कसरत करते बिताता है। दरअसल मोटापा करने के लिए सही खुराक और उपयुक्त एक्सरसाइज की ज़रूरत होती है। लेकिन आपके लिए यह जान लेना भी ज़रूरी है कि प्रोटीन का सेवन कर आप अपना अतिरिक्त वज़न कम कर सकते हैं। तो चलिए आज जानते हैं कि कैसे प्रोटीन का सही तरह सेवन कर आप अपना वज़न कम कर सकते हैं।

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प्रोटीन के सेवन से मोटापा कैसे होता है कम
यूं तो वजन कम करने के बहुत से तरीके है, पर हर व्यक्ति का शारीर अलग होता है और हर व्यक्ति का वजन भी अलग-अलग कारणों से बढ़ता है। यही वजह है की वजन घटाने का जो तरीका किसी एक इंसान के लिए कारगर होता है, किसी दूसरे व्यक्ति के लिए वो असरदार साबित नहीं होता है। अध्ययनों से यह प्रमाणित हुआ है कि प्रोटीन के सही प्रकार से सेवन से मोटापे को कम करने में और बेहतर सेहत पाने में मदद मिल सकती है।



दरअसल प्रोटीन ऑक्सीजन, हाइड्रोजन और नाइट्रोजन से बनने वाला तत्व है जो शरीर को बीमारियों से बचाने का काम करता है। प्रोटीन ही शरीर को अंदर और बाहर से मजबूत बनता है। लेकिन प्रोटीन लेने की भी एक उम्र होती है जिसके बाद प्रोटीन शरीर के लिए नुक़सानदायक साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सीधे पाचन शक्ति को प्रभावित करता है। बेहतर होगा कि आप प्रोटीन के प्राकृतिक श्रोत ही चुनें। इसके लिए आप प्रोटीन के सरलता से मिलने वाले खाद्य जैसे, मुर्गा, मटन, मछली, अंडा, दालें, सोयाबीन, सोयाबीन बड़ी, दूध और पनीर आदि का चयन कर सकते हैं।



कैसे करता है प्रोटीन काम
प्रोटीन से आपकी भूख शांत हो जाती है और आपको पेट भरा हुआ लगता है, साथ ही प्रोटीन मेटाबोलिज्म को बढ़ा देता है, बढ़े हुए मेमेटाबोलिज्म का मतलब है की शारीर अधिक कैलोरी खर्च करता है। तो प्रोटीन का दो काम हुआ, भूख कम करना, और मेटाबोलिज्म को बढ़ाना जो वजन कम करने में मददगार होता है। आप प्राकृतिक प्रोटीन शेक का सेवन कर सकते हैं। लेकिन प्रोटीन शेक के सेववन के साथ आपको नियमित वर्कआउट करना बहुत जरूरी होता है। यदि आपने वर्कआउट में जरा भी लापरवाही की तो यह आपके लिए फयादे की जगह नुकसान का कारम भी बन सकता है।

इस बात को समझें की वज़न घटाने के लिए भूखे पेट रहने के बजाय संतुलित प्रोटीनयुक्त आहार लेना जरूरी है और इसके साथ नियमित व्यायाम भी ज़रूरी होता है। कुछ शोध बताते हैं कि प्राकृतिक प्रोटीन शेक पीने वाली महिलाएं ना सिर्फ अधिक सुंदर और तरोजाता दिखती हैं बल्कि सामान्य महिलाओं की अपेक्षा वे एक साल के भीतर ही आसानी से वजन कम कर सकती हैं।

Saturday 5 November 2016

सिर्फ दवाएं ही नहीं पत्तियां भी कर सकती है कैंसर ठीक


कैंसर बहुत ही खतरनाक और जानलेवा बीमारी है।
छत्तीसगढ़ में पाये जाने वाले इस पेड़ से होता है इसका उपचार।
दहीमन पेड़ की पत्तियां किसी संजीवनी से कम नहीं हैं।
कैंसर के अलावा दूसरी बीमारियों में भी यह बहुत कारगर है।

कैंसर ऐसी बीमारी है जिसका निदान अगर समय पर न हो तो यह जानलेवा भी हो सकती है। ज्यारदातर लोग इस बीमारी के नाम से ही डरते हैं, क्योंकि इस बीमारी का उपचार बहुत ही महंगा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कुदरत की गोद में कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं जिनसे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का खात्मा आसानी से किया जा सकता है और यह बहुत ही सस्ती भी हैं। इस लेख में हम आपको एक ऐसे पेड़ की पत्तियों के बारे में बता रहे हैं जिससे कैंसर जड़ से खत्म हो जाता है।



क्या है इस पेड़ का नाम
क्या आप इस बात पर यकीन कर सकते हैं कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को एक पेड़ की पत्ती से ठीक किया जा सकता है। जी हां, यह सच है, क्योंकि इस पेड़ की पत्तियों से कैंसर का उपचार आसानी से हो सकता है। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में दहीमन नाम के इस पेड़ से न केवल कैंसर का उपचार होता है बल्कि यह दूसरी खतरनाक बीमारियों के उपचार में भी फायदेमंद है।


संजीवनी से कम नहीं
दहीमन नाम के इस पेड़ की पत्तियां संजीवनी बूटी का काम करती हैं। इसके सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को ठीक किया जा सकता है। अब तक कई लोगों को इसकी पत्ती से आराम भी मिला है। इस पेड़ की पत्तियों से कैंसर के अलावा मानसिक पीड़ा, ब्लड प्रेशर और पीलिया जैसी बीमारियों का उपचार किया जा सकता है।


कैसे करें पेड़ की पहचान
इस पेड़ की पहचान केवल छत्तीसगढ़ में हुई है, और यह कहीं दूसरी जगह नहीं मिला है। हालांकि अभी इस पेड़ की पहचान हर किसी को नहीं मालूम है। जिससे अभी इसकी मांग इतनी नहीं हुई है। इस पेड़ के पत्तियों की खासियत भी काफी अनोखी है।


खुद से उभर जायेगा
इस पेड़़ की पत्तियों की पहचान करने का यह सबसे आसान तरीका है। इसके पत्तों पर आप कुछ भी लिखेंगे तो वह अपने आप उभर कर आ जाएगा। वहीं इसको लेकर यह भी मान्यता है कि यह आदि काल का पौधा है। उस दौर में गुप्तचरों द्वारा इस पत्ते पर संदेश अदान-प्रदान किये जाते थे। यह संदेश आज भी इन पत्तों पर साफ तौर पर दिखाई देते हैं। जिनको पढ़ना काफी आसान है।


दूसरी बीमारियों में भी फायदेमंद
यह न केवल कैंसर के उपचार में मदगार है बल्कि इससे ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखा जा सकता है। शराब की लत छुड़ाने के लिए भी इस पौधे की पत्तियों का प्रयोग किया जा सकता है। दुर्घटना में चोट लगने या रक्तस्राव होने पर भी इस पेड़़ की पत्तियों का प्रयोग करें। ये पत्तियां इतनी फायदेमंद हैं कि इनको संजीवनी बूटी कहना अतिशयोक्ति नहीं है।

लो ब्‍लड प्रेशर होने पर तुंरत करें ये 5 काम


लो ब्‍लड प्रेशर में ब्‍लड प्रेशर 90 से भी कम हो जाता है।
इसकी वजह से शरीर के दूसरे अंग भी होते हैं प्रभावित।
नमक का पानी पीने से ब्‍लड प्रेशर सामान्‍य हो जाता है।
कैफीन के अलावा लेमन जूस, किशमिश, तुलसी हैं फायदेमंद।

शरीर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए दिल का स्‍वस्‍थ होना बहुत जरूरी है। लेकिन वर्तमान में अनियमित खानपान और अस्‍वस्‍थ दिनचर्या के कारण उच्‍च रक्‍तचाप और निम्‍म रक्‍तचाप की समस्‍या बढ़ रही है। जब किसी के शरीर में रक्त-प्रवाह सामान्य से कम हो जाता है तो उसे लो ब्लड प्रेशर कहते हैं। सामान्‍यतया ब्लड प्रेशर 120/80 होता है। यदि ब्‍लड प्रेशर 90 से कम हो जाए तो उसे लो ब्लड प्रेशर कहते हैं। इसे अगर गंभीरता से न लिया जाये तो इसका असर शरीर के दूसरे अंगों पर पड़ता है। ऐसे में शरीर में ब्लड का दबाव कम होने से आवश्यक अंगों तक पूरा ब्लड नही पहुंच पाता जिससे उनके कार्यो में बाधा पहुंचती है। ऐसे में दिल, किडनी, फेफड़े और दिमाग आंशिक रूप से या पूरी तरह से काम करना भी बंद कर सकते हैं। लो ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या होने पर तुरंत ये काम करें।


नमक का पानी
नमक का पानी लो ब्‍लड प्रेशर के लिए बड़े काम का है। इससे ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है। नमक में सोडियम मौजूद होता है और यह ब्‍लड प्रेशर बढ़ाता है। ध्यान रहें, नमक की मात्रा इतनी भी ना दें कि इससे स्वास्‍थ्य पर बुरा असर पड़े। बहुत ज्यादा मात्रा में नमक सेहत के लिए फायदेमंद नहीं माना जाता। कम ब्लड प्रेशर में एक गिलास पानी में डेढ़ चम्मच नमक मिलाकर पी सकते हैं।

कैफीन का सेवन करें
कॉफी भी बड़े काम की है। ब्‍लड प्रेशर कम होने पर स्ट्रांग कॉफी, हॉट चॉकलेट, कोला और कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से रक्तचाप सामान्‍य हो जाता है। यदि आपको अक्सर निम्न रक्तचाप रहता है तो आपको रोजाना सुबह एक कप कॉफी पीना चाहिए। लेकिन यह भी ध्‍यान रखें कि इसके साथ कुछ न कुछ जरूर खायें।

फायदेमंद है किशमिश
किशमिश को पारंपरिक आयुर्वेदिक दवा के रूप में देखा जाता है। लो ब्‍लड प्रेशर होने पर किशमिश खाना बहुत फायदेमंद होता है। रात में 30 से 40 किशमिश भिगो दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। जिस पानी में किशमिश भिगोई थी आप उस पानी को भी पी सकते हैं। महीने में आप ऐसा एक बार कर सकते हैं। इसके अलावा एक गिलास दूध में 4-5 बादाम, 15-20 मूंगफली और 10 से 15 किशमिश भी मिलाकर ले सकते हैं।

गुणकारी है तुलसी
तुलसी कम होते ब्‍लड प्रेशर को सामान्य करने में मददगार साबित होती है। इसमें विटामिन सी, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे कई तत्व पाए जाते हैं जो दिमाग को संतुलित करते हैं और तनाव को भी दूर करते हैं। जूस में 10 से 15 प‌त्तियां डाल दें। एक चम्मच शहद डाल दें और रोजाना खाली पेट इसका सेवन करें।

लेमन जूस पियें
लेमन जूस उच्च रक्तचाप में काफी फायदेमंद होता है लेकिन ये निम्‍न रक्तचाप में भी फायदेमंद होता है। जब डीहाइड्रेशन की समस्‍या हो तो यह बहुत ही उपयोगी है। कई बार लेमन जूस में हल्का सा नमक और चीनी डालकर पिया जा सकता है। इससे शरीर को एनर्जी मिलेगी। साथ ही लीवर भी सही से काम करता है।

हेल्‍दी खानपान और हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल अपनाने से भी लो ब्लड प्रेशर की समस्‍या नहीं होती है।

सामान्‍य जुकाम और खांसी के लिए 10 घरेलू उपचार


जुकाम और खांसी
मौसम में बदलाव के साथ ही कई प्रकार की बीमारियां व्‍यक्ति को अपना शिकार बनाती है। इनमें जुकाम और खांसी सबसे सामान्‍य हैं। साधारण सी बीमारी लगने वाली ये बीमारी आपको बहुत परेशान कर सकती है। इसके उपचार के लिए आप घरेलू उपाय आजमा सकते हैं, ये आसानी से उपलब्‍ध होते हैं और इनका कोई भी साइड इफेक्‍ट भी नही पड़ता है।


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हल्‍दी
जुकाम और खांसी से बचाव के लिए हल्‍दी बहुत ही अच्‍छा उपाय है। यह बंद नाक और गले की खराश की समस्‍या को भी दूर करता है। जुकाम और खांसी होने पर दो चम्‍मच हल्‍दी पावडर को एक गिलास दूध में मिलकार सेवन करने से फायदा होता है। दूध में मिलाने से पहले दूध को गर्म कर लें। इससे बदं नाक और गले की खराश दूर होगी। सीने में होने वाली जलन से भी यह बचाता है। हती नाक के इलाज के लिए हल्दी को जलाकर इसका धुआं लें, इससे नाक से पानी बहना तेज हो जाएगा व तत्काल आराम मिलेगा।


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गेहूं की भूसी
जुकाम और खांसी के उपचार के लिए आप गेहूं की भूसी का भी प्रयोग कर सकते हैं। 10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और इसका काढ़ा बनाएं। इसका एक कप काढ़ा पीने से आपको तुरंत आराम मिलेगा। हालांकि जुकाम आमतौर पर हल्का-फुल्का ही होता है जिसके लक्षण एक हफ्ते या इससे कम समय के लिए रहते हैं। गेंहू की भूसी का प्रयोग करने से आपको तकलीफ से निजात मिलेगी।


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तुलसी
समान्‍य कोल्‍ड और खांसी के उपचार के लिए बहत की कारगर घरेलू उपाय है तुलसी, यह ठंक के मौसम में लाभदायक है। तुलसी में काफी उपचारी गुण समाए होते हैं, जो जुकाम और फ्लू आदि से बचाव में कारगर हैं। तुलसी की पत्तियां चबाने से कोल्ड और फ्लू दूर रहता है। खांसी और जुकाम होने पर इसकी पत्तियां (प्रत्येक 5 ग्राम) पीसकर पानी में मिलाएं और काढ़ा तैयार कर लें। इसे पीने से आराम मिलता है।


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अदरक
सर्दी और जुकाम में अदरक बहुत फायदेमंद होता है। अदरक को महाऔषधि कहा जाता है, इसमें विटामिन, प्रोटीन आदि मोजूद होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कफ वाली खांसी हो तो उसे रात को सोते समय दूध में अदरक उबालकर पिलाएं। अदरक की चाय पीने से जुकाम में फायदा होता है। इसके अलावा अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर पीने से आराम मिलता है।


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काली मिर्च पाउडर
जुकाम और खांसी के इलाज के लिए यह बहुत अच्‍छा देसी ईलाज है। दो चुटकी, हल्दी पाउडर दो चुटकी, सौंठ पाउडर दो चुटकी, लौंग का पाउडर एक चुटकी और बड़ी इलायची आधी चुटकी, लेकर इन सबको एक गिलास दूध में डालकर उबाल लें। इस दूध में मिश्री मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। शुगर वाले मिश्री की जगह स्टीविया तुलसी का पाउडर मिलाकर प्रयोग करें।


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इलायची
इलायची न केवल बहुत अच्‍छा मसाला है बल्कि यह सर्दी और जुकाम से भी बचाव करता है। जुकाम होने पर इलायची को पीसकर रुमाल पर लगाकर सूंघने से सर्दी-जुकाम और खांसी ठीक हो जाती है। इसके अलावा चाय में इलायची डालकर पीने से आराम मिलता है।


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हर्बल टी
सर्दी और जुकाम में औषधीय चाय पीना बहुत फायदेमंद होता है। सर्दी के कारण जुकाम, सिरदर्द, बुखार और खांसी होना सामान्‍य है, ऐसे में हर्बल टी पीना आपके लिए फायदेमंद है। इससे ठंड दूर होती है और पसीना निकलता है, और आराम मिलता है। यदि जुकाम खुश्‍क हो जाये, कफ गाढ़ा, पीला ओर बदबूदार हो और सिर में दर्द हो तो इसे दूर करने के लिए हर्बल टी का सेवन कीजिए।


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कपूर
सर्दी से बचाव के लिए कपूर का प्रयोग भी फायदेमंद है। कपूर की एक टिकिया को रुमाल में लपेटकर बार-बार सूंघने से आराम मिलता है और बंद नाक खुल जाती है। इसके आलाव यह कपूर सूंघने से ठंड भी दूर होती है। कपूर की टिकिया का प्रयोग करके आप सर्दी और जुकाम से बचाव कर सकते हैं।


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नींबू
गुनगुने पानी में नींबू को निचोड़कर पीने से सर्दी और खांसी में आराम मिलता है। एक गिलास उबलते हुए पानी में एक नींबू और शहद मिलाकर रात को सोते समय पीने से जुकाम में लाभ होता है। पका हुआ नींबू लेकर उसका रस निकाल लीजिए, इसमें शुगर डालकर इसे गाढ़ा बना लें, इसमें इलायची का पावडर मिलाकर इसका सेवन करने से आराम‍ मिलता है।

झुर्रियों से बचाव के लिए घरेलू नुस्‍खे

तनाव और अस्‍वस्‍थ खानपान के साथ अनियमित दिनचर्या के कारण झुर्रियों की समस्‍या कम उम्र में ही देखने को मिल रही है। इससे कारण महिलाओं का आकर्षण कम हो जाता है। झुर्रियों की समस्‍या से छुटकारा पाने के लिए घरेलू नुस्‍खों का प्रयोग करें। अंडे की जर्दी का मास्‍क इसके लिए बहुत फायदेमदं है। दो आर्गेनिक अंडे का सफेद भाग लेकर इसे मिक्‍स होने तक अच्‍छी तरह हिलायें। 20 मिनट के लिए इसे अपने चेहरे और गर्दन पर लगायें। इसे साफ करने के लिए ठंडे पानी का प्रयोग करें और फिर चेहरे को गीले कॉटन बॉल से पोंछ लें। सप्ताह में दो बार इस उपाय को करने से झुर्रियां कम होने लगती है। नियमित रूप से सुबह चेहरे पर आर्गेनिक शहद लगायें। इसे 15-20 मिनट के लिए ड्राई होने के लिए छोड़ दें। फिर हल्‍के गुनगुने पानी से चेहरे को धो लें। इसके अलावा एवोकाडो और विटामिन-ई की गोलियों से भी झुर्रियों की समस्‍या को आसानी से दूर किया जा सकता है। 

सफेद बालों की समस्या


सफेद बालों की समस्या
बालों का असमय सफेद होना एक बड़ी समस्‍या बन चुकी है। इसके लिए कई लोग कलर का इस्‍तेमाल करते हैं। हालांकि कलर बालों को जड़ से कमजोर बना सकता है। कई ऐसे घरेलू उपाय हैं, जो सफेद होते बालों की समस्‍या को दूर कर सकते हैं। आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ हमारे घरेलू नुस्‍खों की पोटली से निकले कुछ बेहद असरदार उपाय।


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आंवले का कमाल
छोटा सा दिखने वाला आंवला न केवल आपकी सेहत के लिए गुणकारी है बल्कि इससे नियमित उपयोग से सफेद होते बालों की समस्‍या से भी निजात मिलती हैं। आंवले को न सिर्फ डाइट में शामिल करें बल्कि मेंहदी में मिलाकर इसके घोल से बालों की कंडिशनिंग करते रहें। चाहे तो आंवले को बारीक काट लें और गर्म नारियल तेल में मिलाकर सिर पर लगाएं।


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बड़े काम की छोटी सी मिर्च
काली मिर्च खाने का स्‍वाद तो बढ़ाती है, साथ ही इससे सफेद होते बाल भी काले होने लगते हैं। इसके लिए काली मिर्च के दानों को पानी में उबाल कर उस पानी को बाल धोने के बाद सिर में डालें। लंबे समय तक बालों में इस तरह करने से यह असर दिखाती है।


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कॉफी और काली चाय, बालों को काला बनाये
अगर आप सफेद होते बालों से परेशान हैं तो ब्‍लैक टी और कॉफी का इस्‍तेमाल करें। सफेद हो चुके बालों को अगर आप ब्‍लैक टी या कॉफी के अर्क से धोएंगें तो आपके सफेद होते बाल दोबारा से काले होने लगेगें। ऐसा आप दो दिन में एक बार जरूर करें।


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एलोवेरा में है गजब का जादू
बालों में एलोवेरा जेल लगाने से भी बालों का झडऩा और सफेद होना बंद हो जाता है। इसके लिए आप एलोवेरा जेल में नींबू का रस बना कर पेस्‍ट बना लें और इस पेस्‍ट को बालों में लगाएं।


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दही से करें सफेदी पर वार
सफेद होते बालों का रंग प्राकृतिक रूप से बदलने के लिए दही का इस्‍तेमाल करें। इसके लिए हिना और दही को बराबर मात्रा में मिलाकर पेस्‍ट बना लें और इस पेस्‍ट को बालों में लगाइये। इस घरेलू उपचार को हफ्ते में एक बार लगाने से ही बाल काले होने लगते हैं।


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प्‍याज करे बड़े-बड़े काज
प्याज आपके सफेद बालों को काला करने में मदद करता है। कुछ दिनों तक रोजाना नहाने से कुछ देर पहले अपने बालों में प्याज का पेस्ट लगायें। इससे आपके सफेद बाल काले होने शुरू हो ही जाएंगे, बालों में चमक आएगी और साथ ही बालों का गिरना भी रुक जाएगा।


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भृंगराज और अश्वगंधा काम करें बड़ा चंगा
भृंगराज और अश्वगंधा की जड़ें बालों के लिए वरदान मानी जाती हैं। इनका पेस्‍ट बना कर नारियल तेल में मिलाकर बालों की जड़ों में एक घंटे के लिए लगाएं। फिर बालों को गुनगुने पानी से अच्‍छी तरह से धो लें। इससे बालों की कंडीशनिंग भी होगी और बाल काले भी होंगे।


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दूध के अद्भुत लाभ
गाय के दूध के फायदों के बारे में कौन नहीं जानता, लेकिन क्‍या आपको यह भी पता है कि गाय का दूध सफेद बालों को भी काला बना सकता है। गाय का दूध बालों में लगाने से बाल कुदरती तौर पर काले होने लगते हैं। ऐसा हफ्ते में एक दिन करें और देखिये कैसे खिल जाते हैं आपके बाल।


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कढ़ी पत्ता करे बड़े कमाल
सफेद हो रहे बालों के लिये कढ़ी पत्ता बहुत ही अच्‍छा होता है। नहाने से पहले कढ़ी पत्ते को नहाने के पानी में छोड़ दें और एक घंटे के बाद उस पानी से सिर धो लें। या फिर आंवले की तरह कढ़ी पत्ते को भी बारीक काटकर और गर्म नारियल तेल में मिलाकर सिर पर लगाएं। इससे भी लाभ होगा।


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देसी घी से म‍ालिश्‍ा
बुजुर्गो को अकसर आपने सिर पर देसी घी से मालिश करते हुए देखा होगा। घी से म‍ालिश करने से त्‍वचा को पोषण मिलता है। प्रतिदिन शुद्ध घी से सिर की मालिश करके भी बालों के सफेद होने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।